आज होगी भाजपा संगठन-सरकार के कामों की समीक्षा: बीएल संतोष आज-कल दून में रहेंगे, मिशन-2024 पर करेंगे मंथन
Uttarakhand BJP
Uttarakhand BJP: भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष दो दिवसीय प्रवास पर रविवार से देहरादून में होंगे। इस दौरान वह भाजपा कोर कमेटी, प्रदेश पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों व जिला प्रभारियों के साथ टोली बैठक में शिरकत करेंगे। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में पांचों सीटों पर 75 प्रतिशत वोटों का लक्ष्य रखा है। बीएल संतोष पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों को इस लक्ष्य को साधने का मंत्र देंगे।
बीएल संतोष राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ भी चर्चा करेंगे। लंबे समय बाद हो रही इस बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी व दो अन्य महामंत्री, भाजपा के सभी पूर्व मुख्यमंत्री, सभी सांसद मौजूद रहेंगे। बैठक में शहरी स्थानीय निकायों और सहकारिता के चुनाव पर मंथन होगा। ये दोनों चुनाव नवंबर और दिसंबर महीने के बीच हो सकते हैं।
कोर कमेटी में दो कैबिनेट मंत्री
भाजपा की कोर कमेटी में अब दो कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और डॉ. धन सिंह रावत को शामिल किया गया है। पूर्व की कोर कमेटी में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी शामिल थे। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसी दिन उनकी प्रदेश मोर्चा के अध्यक्षों, महामंत्रियों व प्रभारियों के साथ बैठक होगी।
हर बूथ की मजबूती पर होगा फोकस
भाजपा का लोस चुनाव से पहले हर बूथ को मजबूत करने का लक्ष्य है। कोर कमेटी, प्रदेश पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, सह प्रभारी व टोली बैठकों में बीएल संतोष बूथों को मजबूत करने की दिशा में अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा करेंगे और दिशा-निर्देश देंगे। पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में 62 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। 2024 लोस चुनाव में 75 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
बागेश्वर उपचुनाव की रणनीति बनेगी
बीएल संतोष बागेश्वर विस उपचुनाव तैयारियों की भी समीक्षा करेंगे। पार्टी को उपचुनाव के लिए प्रत्याशी के नाम पर भी विचार करना है। माना जा रहा है कि संतोष चंपावत उपचुनाव की तर्ज पर बागेश्वर उपचुनाव की रणनीति बनाने के निर्देश देंगे। इसके अलावा सरकार और संगठन के शीर्ष नेताओं के साथ संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और दायित्वों के बंटवारे पर भी चर्चा कर सकते हैं।
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